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महिंद्रा अगस्त 2025 बिक्री रिपोर्ट: SUV में 9% की गिरावट, एक्सपोर्ट में 16% की बढ़त


महिंद्रा एंड महिंद्रा लिमिटेड (M&M Ltd.) ने अगस्त 2025 के अपने ऑटोमोबाइल सेल्स आंकड़े जारी किए हैं। कंपनी की कुल बिक्री (पैसेंजर और कमर्शियल वाहन) 75,901 यूनिट रही, जो पिछले साल की तुलना में लगभग स्थिर रही। कुल बिक्री में कोई बड़ा बदलाव नहीं दिखा, लेकिन सेगमेंट-वाइज परफॉर्मेंस में दिलचस्प रुझान नजर आए।


SUV सेगमेंट में गिरावट, लेकिन एक्सपोर्ट ने संभाली स्थिति

यूटिलिटी व्हीकल यानी SUV सेगमेंट में महिंद्रा की घरेलू बिक्री 39,399 यूनिट रही, जो पिछले साल की तुलना में 9 प्रतिशत कम है। हालांकि, एक्सपोर्ट ने इस गिरावट को काफी हद तक संतुलित किया। कंपनी ने एक्सपोर्ट में 16 प्रतिशत की सालाना बढ़त दर्ज की और कुल UV बिक्री (घरेलू + एक्सपोर्ट) 40,846 यूनिट तक पहुंच गई।


जीएसटी अनिश्चितता ने क्यों घटाई थोक बिलिंग?

महिंद्रा के ऑटोमोटिव डिवीजन के सीईओ नलिनकांत गोललगुंटा ने कहा कि बिक्री में गिरावट का मुख्य कारण जीएसटी दरों को लेकर असमंजस है। उनका कहना है कि कंपनी ने जानबूझकर थोक बिलिंग कम की, ताकि डीलरों के पास ज्यादा स्टॉक का बोझ न बढ़े। उन्होंने कहा कि, “अगस्त में SUV सेगमेंट में अच्छी रिटेल डिमांड रही, लेकिन जीएसटी में संभावित बदलाव को देखते हुए हमने डीलरों के पास कम इन्वेंट्री रखने का निर्णय लिया। त्योहारों के मौसम और जीएसटी रेशनलाइजेशन के बाद मांग में तेजी की उम्मीद है।”


रिटेल डिमांड में मजबूती, Vahan डेटा से हुआ खुलासा

महिंद्रा ने बताया कि कुल वाहन बिक्री में वृद्धि भले ही न हुई हो, लेकिन रिटेल डिमांड मजबूत रही। इसका प्रमाण है वहन (Vahan) रजिस्ट्रेशन डेटा। अगस्त में पैसेंजर व्हीकल्स की रजिस्ट्रेशन में 7.4 प्रतिशत सालाना बढ़त हुई। वहीं, कमर्शियल व्हीकल सेगमेंट में <7.5 टन LCV श्रेणी की रजिस्ट्रेशन 16 प्रतिशत बढ़ी। इससे साफ है कि असली बाजार की मांग में कमी नहीं, बल्कि थोक स्तर पर रणनीतिक सावधानी बरती गई।


कमर्शियल वाहन सेगमेंट: किस श्रेणी में आई बढ़त?

वाणिज्यिक वाहनों की बात करें तो अगस्त 2025 में महिंद्रा ने घरेलू बाजार में 22,427 यूनिट बेचीं। इसमें LCV <2T श्रेणी में 2,956 यूनिट की बिक्री हुई, जो पिछले साल के मुकाबले केवल 1 प्रतिशत कम है। वहीं, LCV 2-3.5 टन श्रेणी में बड़ी बढ़त दर्ज हुई और इस बार 19,502 यूनिट बिकीं, जबकि अगस्त 2024 में यह संख्या 17,263 थी। यह ग्रोथ बताती है कि ट्रांसपोर्टेशन और लॉजिस्टिक्स सेक्टर में एक्टिविटी बढ़ी है और महिंद्रा ने इस सेगमेंट में अपनी पकड़ मजबूत बनाए रखी है।


एक्सपोर्ट में उछाल से कंपनी को मिली राहत

कंपनी के लिए निर्यात एक बड़ी राहत साबित हुआ। घरेलू थोक बिक्री में आई गिरावट के बावजूद एक्सपोर्ट में 16 प्रतिशत की वृद्धि ने कंपनी के कुल आंकड़ों को स्थिर बनाए रखा। यह बढ़त अंतरराष्ट्रीय बाजारों में डिमांड में सुधार और महिंद्रा की वैश्विक सप्लाई चेन रणनीति का नतीजा मानी जा रही है।


उपभोक्ता व्यवहार: कौन सा पैटर्न दिखा?

अगस्त में उपभोक्ता व्यवहार में भी दिलचस्प पैटर्न दिखा। एक तरफ कुछ ग्राहक नीति संबंधी बदलावों की आशंका के चलते खरीदारी टालते दिखे, वहीं दूसरी तरफ कई खरीदार मौजूदा ऑफर्स और फाइनेंसिंग स्कीम्स का फायदा उठाते हुए वाहन खरीदने पहुंचे। यह ट्रेंड इस बात का संकेत है कि मांग मौजूद है, बस सही समय का इंतजार हो रहा है।


त्योहारों के सीजन में बढ़ेगी बिक्री?

त्योहारों के मौसम को लेकर कंपनी का रुख सकारात्मक है। महिंद्रा को उम्मीद है कि जीएसटी रेट्स पर स्पष्टता आने के बाद डिमांड और बढ़ेगी। कंपनी की रणनीति डीलरों के पास इन्वेंट्री का बोझ कम करके त्योहारों में फुल-स्पीड पर सप्लाई बढ़ाने की है। अगर जीएसटी रेशनलाइजेशन ग्राहक-हित में होता है तो आने वाले महीनों में बिक्री में बड़ी उछाल देखने को मिल सकती है।


प्रतिस्पर्धा में महिंद्रा कहां खड़ी है?

महिंद्रा की कुल बिक्री मारुति सुजुकी के पीछे बनी हुई है। अगस्त 2025 में मारुति ने 1,80,683 यूनिट्स की बिक्री दर्ज की, जबकि महिंद्रा की कुल बिक्री 75,901 यूनिट्स रही। इसके बावजूद, महिंद्रा SUV और LCV सेगमेंट में अपनी मजबूत पकड़ बनाए हुए है। खासकर 2-3.5 टन LCV श्रेणी में बड़ी वृद्धि और निर्यात में लगातार बढ़ोतरी कंपनी के लिए सकारात्मक संकेत हैं।


विश्लेषण: क्या कह रहे हैं विशेषज्ञ?

बाजार विश्लेषकों का मानना है कि महिंद्रा का यह कदम लंबी अवधि की रणनीति का हिस्सा है। थोक स्तर पर सतर्कता बरतना और डीलर चैनल को ओवरस्टॉकिंग से बचाना कंपनी की मजबूती को दिखाता है। निवेशकों के लिए भी अगस्त का प्रदर्शन संकेत देता है कि कंपनी के पास डिमांड कैप्चर करने की क्षमता है और सही समय पर यह ग्रोथ दिखा सकती है।


आगे का रास्ता

त्योहारों के सीजन और नई नीतियों के बीच महिंद्रा के अगले दो महीने ऑटो सेक्टर की दिशा तय करने में अहम भूमिका निभाएंगे। अगर नीति और बाजार दोनों सकारात्मक रहे तो महिंद्रा की SUV बिक्री फिर से तेजी पकड़ सकती है, साथ ही वाणिज्यिक वाहन सेगमेंट में जारी ग्रोथ उसे और मजबूती दे सकती है।

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